KKN गुरुग्राम डेस्क | केंद्र सरकार ने 10 दिनों के भीतर चावल की कीमतों में 20% की कटौती की घोषणा की है। अब चावल की नई कीमत ₹2,250 प्रति क्विंटल होगी, जो पहले ₹2,800 प्रति क्विंटल थी। इस फैसले से एथेनॉल उत्पादकों और राज्य सरकारों को बड़ी राहत मिलेगी, जो चावल का उपयोग सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में करती हैं।
चावल की कीमत में कटौती के मुख्य बिंदु
1. नई मूल्य संरचना
- चावल की नई कीमत ₹2,250 प्रति क्विंटल तय की गई है।
- यह राहत एथेनॉल उत्पादन उद्योग और राज्य इकाइयों को सीधे भारतीय खाद्य निगम (FCI) से खरीद के लिए प्रदान की गई है।
2. एथेनॉल उत्पादकों को लाभ
- उच्च चावल की कीमतों के कारण संघर्ष कर रहे एथेनॉल उद्योग को अब राहत मिलेगी।
- यह कटौती नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के तहत एथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी।
3. राज्य सरकारों पर प्रभाव
- राज्य सरकारें और राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियां अब ई-नीलामी में भाग लिए बिना एफसीआई से सीधे चावल खरीद सकती हैं।
- यह बदलाव कर्नाटक के अन्न भाग्य लक्ष्मी योजना जैसे सार्वजनिक वितरण कार्यक्रमों को लागू करने में मदद करेगा, जो पहले उच्च कीमतों के कारण बाधित थे।
पृष्ठभूमि: सस्ती चावल की मांग
2023 में, कर्नाटक ने अपनी अन्न भाग्य लक्ष्मी योजना के लिए अतिरिक्त चावल की मांग की थी और ₹34 प्रति किलोग्राम देने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया था। अगस्त 2024 में, जब तमिलनाडु और अन्य राज्यों ने भी सस्ती चावल की मांग की, तो सरकार ने ₹28 प्रति किलोग्राम पर चावल उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की।
कीमतों में कटौती का कारण
हालांकि सरकार के भीतर हुई चर्चाओं का पूरा विवरण सामने नहीं आया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि एथेनॉल उद्योग ने उच्च कीमत पर चावल खरीदने में असमर्थता जताई। इस दबाव ने सरकार को कीमतों में कटौती का फैसला लेने के लिए प्रेरित किया।
केंद्रीय मंत्री का बयान
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने नीति संशोधन की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम:
- सार्वजनिक कल्याण के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
- सतत ऊर्जा पहलों को समर्थन देगा।
उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“संशोधित OMSS-D नीति खाद्य सुरक्षा और सतत ऊर्जा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। प्रगतिशील नीतियों के माध्यम से राज्यों और समुदायों को सशक्त बनाना हमारा उद्देश्य है!”
यह कीमतों में कटौती एक रणनीतिक कदम है, जो बढ़ती खाद्य लागत और नवीकरणीय ऊर्जा की मांग के बीच संतुलन स्थापित करता है। इस फैसले से एथेनॉल उद्योग को समर्थन मिलेगा और राज्यों को सार्वजनिक वितरण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।