पॉर्न बनाने के लिए ख़तरनाक तकनीक का होता है इस्तेमाल

पूजा श्रीवास्तव
अमेरिका। पॉन वीडियो के बढ़ते मांग को देख कर फर्जी पॉर्न बनाने में सक्रिया हो गये है। जानकारी के मुताबिक किसी अभिनेत्री का चेहरा किसी और के शरीर पर लगाकर पॉर्न वीडियो बनाए जाने का खुलाशा होते ही खलबली मच गई है।

कहतें है कि इंटरनेट पर इन दिनो डीपफ़ेक्स के बहुत मामले सामने आए हैं। इस तरह के वीडियो बनाना अब और आसान हो गया है। लोगों की सेक्शुअल फ़ंतासियों को इंटरनेट के ज़रिए पूरा करने के लिए इस तरह के वीडियो बनाए जा रहे हैं। सूत्रो की माने तो इस तकनीक के इस्तेमाल के गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। आज हम फ़ेक न्यूज के जिस संकट को देख रहे हैं वो अभी शुरुआती दौर में है।
आपको जान कर आश्चर्य होगा कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के चेहरे को लेकर कई वीडियो बनाए गए हैं। ये वीडियो स्पूफ़ हैं, लेकिन किसी ख़ास मकसद के प्रचार में इनके इस्तेमाल से हो सकने वाले प्रभाव की कल्पना की जा सकती है। डीपफेक टेक्नॉलॉजी से डोनल्ड ट्रंप को फ़िल्मों के खलनायक डॉ. एविल में तब्दील कर दिया गया है। जिन वेबसाइट पर ऐसी सामग्री आ रही है, सरकार अब उस पर नजर रखने लगी हैं। इस तकनीक पर तत्काल रोक नही लगाया तो इससे कई मशहूर चेहरे अचानक सेक्स टेप में दिखने लग सकतें हैं।
इन वीडियोज़ को बनाने में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर के डिज़ायनर बताते हैं कि सॉफ्टवेयर को सार्वजनिक किए जाने के एक महीने के अंदर ही एक लाख से ज्यादा बार इसे डाउनलोड किया जा चुका है। गेम ऑफ थ्रोन्स की कई अभिनेत्रियों का चेहरा इस तकनीक से पॉर्न वीडियो में ग़लत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।

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