महिलाओं को जीत का वस्तु समझता है आइएस का लड़ाका

ह्यूमन राइट्स वॉच ने आईएस के यौन हिंसा पर किया एक और नया खुलाशा

सीरिया। ह्यूमन राइट्स वॉच ने आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट के द्वारा महिलाओं पर किये जा रहें अत्याचार को लेकर नया खुलशा किया है। दरअसल, यह खुलाशा सुन्नी अरब महिलाओं पर हो रहे अत्याचार से जुड़ा है।
इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों के द्वारा यजीदी महिलाओं पर जुल्म ढाने के मामले तो पहले से सुर्खियों में है। किंतु, ह्यूमन राइट्स वॉच ने सुन्नी अरब महिलाओं पर भी आईएस लड़ाकों के द्वारा की जा रही यौन हिंसा को लेकर चौकाने वाला खुलाशा किया है। बताया जा रहा है कि पुरूषो की हत्या करने के बाद आइएस के लड़ाके न सिर्फ उसकी संपत्ति पर कब्जा कर लेते हैं। बल्कि, घर की महिलाओं को भी जीत की संपत्ति समझ कर उसका अपने दोस्तो के साथ मिल कर भोग करतें हैं और मन भर जाने पर सरेआम उन महिलाओं को नंगा करके उसे तड़पा तड़पा कर मार दिया जाता हैं। कई बार तो महिलाओं को जिंदा जला दिया जाता है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 26 वर्षीया महिला हाना की कहानी का ब्यौरा देते हुए लिखा है कि जब उसके पति आईएस के कब्जे वाले हवीजा से भाग चुके थे। तब वहां पहुंच कर आईएस लड़ाकों ने वहां से भागने की कोशिश में लगी कई महिलाओं को अपने हिरासत में ले लिया। उन्होंने महिलाओं को कहा कि उनके पतियों के भागने के कारण अब वे पतित हो चुकी हैं। और आईएस लड़ाकों ने नंगा करके उनके हाथ को प्लास्टिक के तार से बांध कर लटका दिया और फिर इस महिला को युद्ध में जीत का तोहफा समझ कर उसके साथ एक के बाद एक, कई आतंकियो ने बलात्कार किया। बीच बीच में उनके नाजुक अंगो पर कोरे भी बरसाते रहे। कहतें हैं कि हाना जैसे वहां मौजूद कई अन्य महिलाओं की चीख पर आतंकी मजे लूट रहे थे और । हाना की माने तो वहां खुलेआम यौन हिंसा की शिकार होने वाली और भी कई महिलाओं को इसी तरह से बांध कर रखा गया था। अपनी आपबीती सुनाते हुए हाना कहती है कि सभी के सामने कई रोज तक मेरा बलात्कार होता रहा।
ह्यूमन राइट्स वॉच में मध्यपूर्व की निदेशिका लामा फाकी की माने तो आईसिस के नियंत्रण में रहने को मजबूर सुन्नी महिलाओं के साथ होने वाले यौन दुर्व्यहार के मामलों के बारे में बहुत कम लोगो को पता चलता है। दूसरी ओर इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पैगंबर मोहम्मद के काल में प्रचलिच युद्ध के नियमों के हबाले से  युद्ध में जीती गई महिलाओं का भोग करना, अपना अधिकार मानतें हैं। आइएस का मानना है कि युद्ध में जीती महिला से सामुहिक संबंध बनाने के बाद लड़ाको के बीच एकता का नया संचार होता है और एक नई उर्जा के साथ वे फिर से युद्ध के लिए तैयार होतें हैं। बहरहाल, ऐसे गंदे सोच रखने वाले नरपशुओं की खात्मा के लिए पुरी दुनिया को एक साथ खड़े होने का समय आ गया है।

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