नई दिल्ली। दिल्ली में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की रहस्यमयी मौत में नाटकीय मोड़ आ गया है। रविवार को हुई मौत के मामले में पुलिस ने सोमवार को एक तांत्रिक और उसके सहयोगी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है।
घटनास्थल से पुलिस ने हाथ से लिखा नोट बरामद किया है। जिससे मौत का संबंध जाहिर होता है। एक को छोड़कर बाकी सभी मृतक छत से लटके पाए गए थे। अधिकतर मृतकों की आखों पर पट्टी बंधी थी और हाथ पीछे बंधे हुए थे।
सबसे उम्रदराज नरायण देवी (77) का शव फर्श पर पड़ा था, जिनके गले पर निशान पाए गए हैं। पूजा स्थल के पास एक डायरी में मिले नोट से रहस्यवाद का संकेत मिलता है। इसमें अध्यात्मिकता, मोक्ष, रीति-रिवाज और पिछले महीने की कुछ तिथियों का जिक्र है। पूजा में इस्तेमाल हुई घी और चावल जैसी सामग्री भी घर से मिली है। पुलिस को संदेह है कि मौत के पीछे तांत्रिक या साधु की भूमिका हो सकती है।
बहरहाल, पुलिस ने परिवार के सदस्यों की मौत किसी अनुष्ठान के चलते हुई या इसका कोई और कारण है? इस एंगल पर जांच शुरू कर चुकी है। दरअसल, नोट में कुछ निर्देश दिए गये हैं। इसमें कहा गया है, प्रत्येक व्यक्ति को सही तरीके से आंखों पर पट्टी बांध लेनी चाहिए, आंखों में सिर्फ परम स्थान दिखाई दे। पत्र में लिखा है, श्रद्धा के साथ सात दिनों तक लगातार बरगद के वृक्ष की पूजा करें। अगर कोई घर आए तो यह कार्य अगले दिन करें। इसके लिए गुरुवार या रविवार का दिन चुनें।
आगे लिखा है कि अगर बुजुर्ग महिला (नारायण देवी) खड़ी नहीं हो सकती हैं तो वह दूसरे कमरे में लेट सकती हैं। अनुष्ठान के लिए मद्धिम प्रकाश का उपयोग करें। रात 12 बजे से एक बजे के बीच अनुष्ठान करें, ताकि कोई तुम्हें बाधा न पहुंचाए। जब तुम सब उस दौरान फांसी पर लटक जाओगे, तो भगवान अचानक प्रकट होंगे और उसी क्षण तुम्हें बचा लेंगे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए तकरीबन हर निर्देश का पालन किया। उसमें यह भी बताया गया था कि परिवार का कोई सदस्य मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करेगा। पुलिस को कुछ ही घंटों में घर से उनके मोबाइल फोन भी बरामद हुए। एक पड़ोसी ने पुलिस को बताया कि परिवार में पिछले कुछ हफ्ते से रोज सुबह-शाम दो घंटे अनुष्ठान चलता था।