KKN गुरुग्राम डेस्क | वैशाली जिले में सोमवार तड़के एक भीषण सड़क दुर्घटना हुई जिसमें दुल्हन सहित चार लोगों की मौत हो गई। यह हादसा महिसौर थाना क्षेत्र के पनसला चौक के पास हुआ। मृतकों में तीन महिलाएं और एक बच्ची शामिल हैं, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को पहले हाजीपुर सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) रेफर कर दिया गया।
शादी की खुशियाँ मातम में बदली, दुल्हन की भी मौत
यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक बारात भागलपुर के नवगछिया से लौट रही थी। शादी संपन्न होने के बाद जैसे ही लोग ससुराल की ओर बढ़े, रास्ते में यह दुर्घटना हो गई। हादसा इतना भीषण था कि दुल्हन की मौके पर ही मौत हो गई, वो अपने ससुराल पहुंच भी नहीं सकी।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
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बबीता देवी, पत्नी – क्रांति कुमार
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सोनाक्षी कुमारी, उम्र – 8 वर्ष, पुत्री – बबीता देवी
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मोना देवी, पत्नी – गणेश राय (आंगनबाड़ी सहायिका)
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नवविवाहिता (दुल्हन) – नाम की पुष्टि नहीं हो सकी है
घायल हुए लोग और इलाज की स्थिति
इस दुर्घटना में तीन लोग घायल हुए हैं:
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दीनानाथ कुमार – दूल्हा
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क्रांति कुमार – मृतका बबीता देवी के पति
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कार चालक – नाम सामने नहीं आया है
तीनों घायलों को पहले हाजीपुर सदर अस्पताल लाया गया और बाद में PMCH पटना रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, सभी की हालत गंभीर लेकिन नियंत्रण में है।
कैसे हुआ हादसा: पनसला चौक बना काल का कारण
हादसा महिसौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पनसला चौक पर हुआ, जो कि एक खतरनाक मोड़ के तौर पर जाना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका पहले से ही दुर्घटना संभावित क्षेत्र है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक सड़क सुधार या सावधानी संकेत नहीं लगाए गए हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, कार और ट्रक की सामना-सामनी टक्कर हुई, जिसमें कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया।
शादी का जश्न बना मातम, गांव में पसरा सन्नाटा
मूल रूप से बिदुपुर थाना क्षेत्र के पानापुर कुशियारी गांव के रहने वाले इन लोगों की मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। शादी के बाद घर में जश्न का माहौल था, लेकिन हादसे की सूचना मिलते ही पूरा गांव मातम में बदल गया।
गांव के लोग, रिश्तेदार और पंचायत प्रतिनिधि शोक संतप्त परिवारों के घर पहुंचे और प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग की।
आंगनबाड़ी सहायिका भी बनी हादसे की शिकार
मृतकों में शामिल मोना देवी एक आंगनबाड़ी सहायिका थीं। उनकी मौत से क्षेत्र के महिला विकास विभाग में भी गहरा शोक है। विभाग के अधिकारियों ने मोना देवी की सेवा को याद करते हुए उन्हें समर्पित और संवेदनशील कर्मी बताया।
आंगनबाड़ी यूनियन ने सरकार से मुआवज़े और उनके परिवार को सहायता देने की मांग की है।
पुलिस जांच जारी, ट्रक चालक फरार
घटना की जानकारी मिलते ही महिसौर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और क्षतिग्रस्त वाहन को हटवाया गया। पुलिस के अनुसार, ट्रक चालक हादसे के बाद फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद गवाहों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
वैशाली में बढ़ते सड़क हादसे, सिस्टम पर उठे सवाल
यह हादसा वैशाली में हाल के महीनों में हुए कई घातक हादसों में से एक है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अनुसार:
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2024 में वैशाली में 300 से अधिक सड़क हादसे दर्ज हुए
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जिनमें 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
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इनमें से अधिकतर हादसे रात या सुबह के समय में हुए हैं, विशेष रूप से भारी वाहनों की वजह से
इससे यह साफ है कि राज्य में सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, जिसपर सरकार और प्रशासन को तत्काल ध्यान देना होगा।
जनता और समाजसेवियों की मांग
स्थानीय समाजसेवी संगठनों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
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ट्रकों के लिए स्पीड लिमिट को सख्ती से लागू किया जाए
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एक्सीडेंट प्रोन एरिया में CCTV कैमरे और रिफ्लेक्टर लगाए जाएं
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भारी वाहनों के चालकों के लिए विश्राम अनिवार्य किया जाए
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इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को तेज और प्रभावी बनाया जाए
न्याय और मुआवज़े की जरूरत
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, मृतकों के परिजन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मुआवज़े के पात्र हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी की कमी के कारण ऐसे मामलों में काफी देरी हो जाती है।
स्थानीय वकील और सामाजिक कार्यकर्ता इस केस में परिवारों को कानूनी सहायता देने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें न्याय और उचित मुआवज़ा मिल सके।
वैशाली का यह हादसा एक और चेतावनी है कि अगर अब भी सरकार और ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं। दुल्हन, बच्ची और महिलाओं की इस दर्दनाक मौत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सड़कों पर सुरक्षा की गारंटी नहीं है।
अब समय है कि सरकार:
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दुर्घटना स्थलों की पहचान कर वहां सुरक्षा उपाय लागू करे
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सभी जिलों में ट्रैफिक सेंसिटाइजेशन अभियान चलाए
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पीड़ित परिवारों को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए