KKN ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज (Jan Suraj) ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से एक्टिव (Active) कर दिया गया है और खास रणनीति पर काम शुरू हो गया है। जन सुराज पार्टी का लक्ष्य बिहार में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन लाना है। इसके लिए जन सुराज विस्तार कार्यक्रम (Jan Suraj Vistar Karyakram) शुरू किया गया है।
100 दिन और 50 लाख लोगों से जुड़ने का टारगेट
जन सुराज पार्टी का लक्ष्य अगले 100 दिनों में 50 लाख लोगों को अपने साथ जोड़ना है। इसके लिए हर दिन 1500 जन सुराज संवाद (Jan Suraj Samvad) के तहत गांव-पंचायत स्तर पर बैठकें की जाएंगी। इन बैठकों के जरिए जनता को जागरूक किया जाएगा और संगठन विस्तार को मजबूती मिलेगी। हर बैठक में कम से कम 50 सदस्य बनाने का टारगेट रखा गया है।
सभी वर्गों की भागीदारी पर जोर
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सुनिश्चित किया है कि इन बैठकों में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी हो। महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों समेत सभी वर्गों को विशेष तौर पर बैठक में बुलाया जाएगा। जन सुराज के नेताओं को प्रतिदिन तीन संवाद कार्यक्रम करने का लक्ष्य दिया गया है। 2 मार्च से यह अभियान तेजी से चल रहा है।
पार्टी विस्तार कार्यक्रम का पहला दिन सफल
जन सुराज ने अपने अभियान के पहले दिन ही 1500 से अधिक संवाद कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए। पार्टी का उद्देश्य (Objective) बिहार में एक बेहतर वैकल्पिक राजनीति (Better Alternative Politics) की नींव रखना है। जन सुराज अभियान समाज के सभी वर्गों—महिलाओं, युवाओं, किसानों, मजदूरों, शिक्षकों, व्यापारी वर्ग को जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
गांव-गांव में होंगे संवाद कार्यक्रम
जन सुराज विस्तार अभियान के तहत बिहार के हर प्रखंड में प्रतिदिन तीन जन सुराज संवाद बैठकें होंगी। इन बैठकों में स्थानीय समस्याओं पर चर्चा होगी और समाधान के लिए जन सुराज की विचारधारा (Ideology) पर बात होगी। इस अभियान से प्रदेशभर में राजनीतिक जागरूकता को बल मिलेगा और बिहार में एक नई राजनीतिक संस्कृति (Political Culture) की नींव रखी जाएगी।
बिहार में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने का प्रयास
प्रशांत किशोर का यह अभियान राज्य को प्रगति (Progress) और समृद्धि (Prosperity) की दिशा में आगे ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जन सुराज का लक्ष्य बिहार की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव लाना है। इससे न केवल पार्टी को मजबूती मिलेगी बल्कि बिहार के विकास (Development) के रास्ते भी खुलेंगे।