KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में डबल इंजन सरकार अपने 12 लाख सरकारी नौकरी देने के संकल्प को तेजी से पूरा कर रही है। पहले पुलिस में 19,838 सिपाही पदों पर बहाली का ऐलान हुआ था, अब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग में 66,108 पदों पर बंपर भर्ती और 1,500 नए अस्पतालों के निर्माण की बड़ी घोषणा की है। इस कदम से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, और इससे राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
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स्वास्थ्य क्षेत्र में बंपर भर्ती
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा करते हुए बताया कि इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों में 38,733 पदों पर नियमित बहाली की जाएगी। इसके साथ ही, आशा और आशा फैसिलिटेटर के रूप में 27,375 नियुक्तियां की जाएंगी, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करेंगी। यह फैसला बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने और अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है।
मंगल पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस कदम से ना केवल नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को फायदा होगा, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सुधार आएगा।
7 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह भी ऐलान किया कि बिहार में इस वर्ष 7 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। जिन जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, उनमें अररिया, जहानाबाद, बांका, औरंगाबाद, कैमूर, खगड़िया और नवादा शामिल हैं। इन मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है, और जल्द ही इनका निर्माण शुरू हो जाएगा। यह कदम बिहार में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और स्थानीय छात्रों को स्वास्थ्य क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करेगा।
इसके बाद, बिहार में मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 34 हो जाएगी, जो कि राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने से, बिहार में चिकित्सा शिक्षा में एक नई क्रांति आएगी और राज्य के छात्रों को मेडिकल शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
1,500 नए अस्पतालों का निर्माण
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आगे कहा कि बिहार सरकार वर्ष 2025-26 तक राज्य के ग्रामीण इलाकों में 1,500 से अधिक नए अस्पताल खोलने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यह योजना राज्य के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की कमी को पूरा करना और वहां स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है।
इन अस्पतालों के निर्माण से लाखों लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा, जो अब तक लंबी दूरी तय कर शहरों में इलाज के लिए जाते थे। बिहार सरकार इस परियोजना के तहत अस्पतालों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है ताकि हर जिले और गांव में अस्पतालों की सुविधा मिल सके।
पटना में शिशु रोग अस्पताल और कैंसर अस्पतालों की स्थापना
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी घोषणा की कि पटना में 100 बिस्तरों का एक शिशु रोग अस्पताल खोला जाएगा। यह अस्पताल खासकर बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करेगा और इसके द्वारा बच्चों के इलाज की सुविधाओं में सुधार होगा। इसके साथ ही, बेगूसराय और नवादा में कैंसर अस्पतालों की स्थापना भी की जाएगी। बिहार में कैंसर से संबंधित इलाज की सुविधाओं की कमी थी, और अब इन नए अस्पतालों के खुलने से कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। इन प्रस्तावों को बजट में स्वीकृति मिल चुकी है, और ये अस्पताल जल्द ही खोले जाएंगे।
बिहार कैंसर और शोध सोसाइटी का निर्माण
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह भी ऐलान किया कि बिहार कैंसर और शोध सोसाइटी का निर्माण किया जाएगा। यह सोसाइटी कैंसर की रोकथाम, इलाज और शोध के लिए काम करेगी। बिहार में कैंसर से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है, और इस सोसाइटी के गठन से कैंसर से संबंधित इलाज में सुधार होगा। इसके जरिए कैंसर के इलाज के नए तरीके अपनाए जाएंगे और इस क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिलेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का महत्व
बिहार का स्वास्थ्य क्षेत्र लंबे समय से कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और बुनियादी ढांचे की कमजोर स्थिति ने बहुत से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित कर रखा था। लेकिन बिहार सरकार के ये कदम स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
बिहार सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे सुधार न केवल चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाएंगे, बल्कि इससे राज्य में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। 66,108 नई नौकरियों के अलावा, 1,500 नए अस्पतालों के निर्माण से राज्य में हजारों नई नौकरियां उत्पन्न होंगी। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
स्वास्थ्य क्षेत्र में 66,000 से अधिक नई नौकरियों का सृजन राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है। इसके अलावा, नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के निर्माण से स्थानीय क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नए अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण न केवल राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देगा, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अन्य उद्योगों को भी बढ़ावा देगा।
इसके अलावा, जब इन संस्थाओं का निर्माण होगा, तो यह बिहार में निजी निवेश को भी आकर्षित कर सकता है। इससे राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक सुधार की संभावना बढ़ेगी।
बिहार सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में जो बड़े कदम उठाए हैं, वे न केवल राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाएंगे, बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देंगे। 66,108 नई नौकरियों, 1,500 नए अस्पतालों और नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति आएगी। यह कदम राज्य के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का वादा करता है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में इस तरह के सुधार बिहार को विकास की दिशा में एक कदम और आगे ले जाएंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के सभी हिस्सों में चिकित्सा सेवाएं पहुंच सकें, खासकर उन ग्रामीण इलाकों में, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी थी। बिहार सरकार का यह कदम राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी करेगा।
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