KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने उड़ान योजना (UDAN Scheme) के तहत राज्य के सात एयरपोर्ट से फ्लाइट संचालन की मंजूरी दे दी है। यह कदम छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे हवाई यात्रा सस्ती और सुलभ हो सके। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने इन एयरपोर्टों के विकास के लिए ₹190 करोड़ की राशि भी जारी की है, जिसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा विकसित किया जाएगा।
सात एयरपोर्ट पर फ्लाइट संचालन की मंजूरी
केंद्र सरकार द्वारा जिन सात एयरपोर्टों पर फ्लाइट संचालन की मंजूरी दी गई है, वे हैं:
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बीरपुर (सुपौल) एयरपोर्ट
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सहरसा एयरपोर्ट
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मुंगेर एयरपोर्ट
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मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट
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वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण) एयरपोर्ट
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मधुबनी एयरपोर्ट
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पूर्णिया एयरपोर्ट
इन एयरपोर्टों से 20 सीटों वाले छोटे विमान संचालित किए जाएंगे, जो यात्रियों को छोटे शहरों और बड़े शहरों के बीच तेज और सस्ती यात्रा विकल्प प्रदान करेंगे। यह कदम राज्य के ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें हवाई यात्रा के लिए लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं होगी।
एयरपोर्ट के विकास के लिए ₹190 करोड़ का निवेश
केंद्र सरकार ने इन एयरपोर्टों के विकास के लिए ₹190 करोड़ का बजट आवंटित किया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) इन एयरपोर्टों का पुनर्विकास करेगा और इनकी सुविधाओं को आधुनिक बनाएगा, ताकि यहां से फ्लाइट संचालन को सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके। इसके लिए बिहार सरकार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एक समझौता (MoU) करेगी, ताकि विकास प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
उड़ान योजना का उद्देश्य और प्रभाव
उड़ान योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और कम कनेक्टिविटी वाले शहरों को बड़े शहरों से जोड़ना है। इस योजना के तहत छोटे विमानों के माध्यम से छोटे शहरों और कस्बों के निवासियों को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की जाती है। यह न केवल यात्रा को आसान बनाता है, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देता है।
इस योजना के कई लाभ हैं:
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क्षेत्रीय कनेक्टिविटी का सुधार: उड़ान योजना से बिहार के दूर-दराज के इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ा जाएगा, जिससे इन इलाकों के लोग बड़े शहरों तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे राज्य में यात्रा करने के लिए समय और धन दोनों की बचत होगी।
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आर्थिक विकास: बेहतर हवाई कनेक्टिविटी से राज्य के विभिन्न उद्योगों को फायदा होगा। स्थानीय व्यवसायों के लिए अपने उत्पादों को अन्य राज्यों और देशों में भेजना सरल होगा। इससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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पर्यटन उद्योग को बढ़ावा: बिहार में पर्यटन की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। विशेष रूप से वाल्मीकिनगर, जहां बिहार का प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व स्थित है, पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुका है। जब यह क्षेत्र हवाई मार्ग से जुड़ जाएगा, तो पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा होगा और स्थानीय पर्यटन उद्योग को बड़ा लाभ मिलेगा।
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नई रोजगार के अवसर: इन एयरपोर्टों के विकास से नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। हवाई यात्रा के क्षेत्र में नए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी, और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
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शिक्षा और स्वास्थ्य तक बेहतर पहुँच: बेहतर हवाई कनेक्टिविटी से लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसानी से पहुँच मिल सकेगी। खासकर दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब बड़े शहरों में आवश्यक सेवाओं का लाभ जल्द और सरलता से उठा सकेंगे।
वाल्मीकिनगर में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
वाल्मीकिनगर, जो पश्चिम चंपारण में स्थित है, बिहार के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व के रूप में प्रसिद्ध है। यहां हाल के वर्षों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि, अभी भी पर्यटकों को यहां पहुंचने में समय और मेहनत लगती है। लेकिन अब जब वाल्मीकिनगर हवाई मार्ग से जुड़ जाएगा, तो पर्यटकों को यहां आने में काफी सुविधा होगी। यह न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
बिहार में उड़ान योजना के तहत सात एयरपोर्टों से फ्लाइट संचालन की मंजूरी और ₹190 करोड़ का निवेश राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि आर्थिक विकास, पर्यटन, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में भी लाभकारी साबित होगा। बिहार के छोटे शहरों और कस्बों को अब मुख्य हवाई मार्गों से जोड़ने के इस प्रयास से राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
उड़ान योजना का यह कदम बिहार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, जिससे यहां के लोग और पर्यटक जल्द ही बेहतर हवाई सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। केंद्र और राज्य सरकार के इस सहयोग से बिहार को एक नई दिशा मिलेगी, जो राज्य की समृद्धि और विकास में सहायक होगी।
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