बिहार में शराबबंदी की हकीकत का सबसे ज्वलंत मिशाल
मुजफ्फरपुर। शराबबंदी को लेकर बिहार में बनाए गये मानव श्रृंखला का आज एक साल पूरा हो गया। इसके प्रथम वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर सरकारी अधिकारी का शराब के नशे में होना क्या संकेत देता है? जीहां, घटना मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट की है। यहां के अंचलाधिकारी निशिकांत को उत्पाद विभाग व पुलिस की टीम ने शनिवार रात शराब के नशे में उनके अलकापुरी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। मौके से शराब की बोतल भी बरामद हुई है।
दरअसल, इन्हीं अधिकारियों की कूबत पर सूबे की सरकार राज्य में शरराबंदी का पुरजोर दावा करते हुए थकती नही है। यह महज एक घटना नही। बल्कि, बानगी है। बानगी, राज्य में जारी शराबबंदी के सच का और बानगी, लालफीताशाही के अंदरूनी हकीकत का भी। हालांकि, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया है। जिलाधिकारी की माने तो गायघाट सीओ के शराब के नशे में होने की अभी जांच चल रही है। पुष्टि हुआ तो इस मामले में सीओ पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
आपको बतातें चलें कि सीओ के शराब पीने की गुप्त सूचना पुलिस व उत्पाद विभाग को रात में ही मिल गई थी। इसके बाद वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। वहां से छापेमारी के लिए आनन-फानन में टीम गठित की गई। टीम का नेतृत्व उत्पाद अधीक्षक दीनबंधु कर रहे थे। छापेमारी को पहुंची पुलिस टीम को आवास में दाखिल होने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रात करीब 10 बजे टीम को आवास में दाखिल होने में सफलता मिली। अंदर प्रवेश करने के बाद टीम ने ब्रेथ एनलाइजर से सीओ की जांच की। इसमें वे पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। छापेमारी के दौरान सीओ और टीम में काफी देर तक बहस हुई। लिहाजा, मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई।
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