KKN गुरुग्राम डेस्क | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी 2025 की रात को एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 18 लोगों की जान चली गई। यह हादसा भारी भीड़ और अफरा-तफरी के कारण हुआ, जब यात्री अपने-अपने ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे। इस भगदड़ में 9 महिलाएं, 5 बच्चे और 4 पुरुष शामिल हैं। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में किया जा रहा है।
इस दुखद घटना पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना की गंभीरता को नजरअंदाज कर रही है और इस पर लीपापोती करने का प्रयास कर रही है। तेजस्वी यादव का कहना था कि सरकार की प्राथमिकता मीडिया प्रबंधन और VIP सुविधाओं पर है, जबकि आम नागरिकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव का ट्वीट: सरकार की आलोचना
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इस घटना पर दुख जताया और सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भगदड़ के कारण हुई असामयिक मौतों से मन व्यथित है। इतने सरकारी संसाधनों के बावजूद भगदड़ हो रही है और डबल इंजन सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को दबाने और PR करने में व्यस्त है। आम जनता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा की बजाय सरकार का ध्यान केवल मीडिया प्रबंधन और VIP सुविधाओं तक सीमित है।”
उन्होंने आगे कहा, “दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। मैं ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मों को शांति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। ॐ शांति ॐ”
हादसे में मौतों और घायलों की संख्या
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 9 महिलाएं, 5 बच्चे और 4 पुरुष शामिल हैं। हादसे में कई लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है। इनमें से कई लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। मृतकों की पहचान की जा रही है, और उनमें से कुछ बिहार के निवासी हैं। बिहार के एक युवक ने अपने ट्वीट में बताया कि उसकी मां भी इस हादसे में मारी गई हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, घटना की सूचना मिलने के बाद रेलवे पुलिस और अन्य प्रशासनिक दल तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों की शुरुआत की।
हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के मुताबिक, यह हादसा शनिवार रात लगभग 9:55 बजे हुआ, जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर भारी भीड़ थी। इन प्लेटफार्मों पर प्रयागराज और पटना जाने वाली ट्रेनें रुकने वाली थीं। इसी दौरान, एक विशेष ट्रेन की घोषणा की गई, जिससे लोग जल्द से जल्द उस ट्रेन में चढ़ने के लिए भागने लगे। इस दौरान, प्लेटफॉर्म पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि भगदड़ मच गई और कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।
घटना के बाद, लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे और सीढ़ियों से गिरने की घटनाएं भी सामने आईं। रेलवे प्रशासन ने कहा कि इस भगदड़ के कारण कई लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई।
बिहार के लोगों की भी हुई मौत
इस भगदड़ में बिहार के 3 लोग भी अपनी जान गंवा बैठे हैं। बिहार के एक परिवार ने बताया कि वे अपनी मां और बच्चों के साथ यात्रा कर रहे थे, लेकिन हादसे में उनकी मां की मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ा दी है। बिहार सरकार ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है और शोक संतप्त परिवारों को सहायता देने का आश्वासन दिया है।
सरकार की प्रतिक्रिया
घटना के बाद, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और रेलवे प्रशासन से जांच रिपोर्ट की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। साथ ही, उन्होंने राहत कार्यों में मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम को स्टेशन पर भेजा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हम प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।”
भीड़ नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भारतीय रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के उपायों को कितना सुधारने की जरूरत है। विशेष रूप से त्योहारों या छुट्टियों के दौरान, जब ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, ऐसे समय में बेहतर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाना, यात्रियों के लिए मार्गदर्शन व्यवस्था सुधारना, और प्लेटफार्मों पर उचित भीड़ नियंत्रण करना बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे प्रशासन को तकनीकी उपायों का भी इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे कि सीसीटीवी कैमरे और स्मार्ट काउंटर, ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति में जल्दी से कार्रवाई की जा सके।
तेजस्वी यादव की आलोचना पर प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव के ट्वीट ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के खिलाफ एक नई बहस छेड़ दी है। बिहार में विपक्षी पार्टी के नेता होने के नाते, तेजस्वी ने इस घटना को लेकर सरकार की खामियों को उजागर किया है। उनकी आलोचना के बाद, कई लोगों ने सरकार से सवाल उठाए हैं कि रेलवे प्रशासन के पास पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं थे और क्यों यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया।
हालांकि, बीजेपी के प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव की आलोचना का जवाब दिया और कहा कि यह एक दुखद घटना थी, लेकिन इसे राजनीति का मुद्दा बनाना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने तत्काल राहत कार्य शुरू किए और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का प्रयास किया।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ एक भयावह घटना थी, जिसने 18 लोगों की जान ले ली। इस हादसे ने न केवल रेलवे प्रशासन की खामियों को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के उपायों में सुधार की सख्त आवश्यकता है। तेजस्वी यादव के आरोपों और सरकार की प्रतिक्रिया के बीच, यह घटनाक्रम बताता है कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर योजना, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा प्रबंध जरूरी हैं।
हम सभी को यह समझने की जरूरत है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार, रेलवे प्रशासन और सभी संबंधित अधिकारियों को गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।
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