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अंतिम ख्वाहिश पूरी किये बिना ही हो गया विदा

बेटे का ऑर्गन डोनेट कर मां ने रच दी मिशाल

भोपाल। कहतें हैं कि इंसान चाहे तो मर कर भी मानवता को अमर कर सकता है। भोपाल का रहने वाला 20 वर्षीय शशांक ने इसे सच करके दिखा दिया। दरअसल, रोड एक्सीडेंट में शशांक कोरान्ने घायल हो गया और 9 दिन तक इलाज में रहने के बाद उसकी मौत हो गई। मरने से पहले ही डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस खबर से मर्माहत हुए माता-पिता ने बेटे का ऑर्गन डोनेशन का डिसीजन लिया। इसके बाद शशांक का हार्ट, दोनों किडनी, लिवर, आंखें और त्वचा रिट्रीव की गई। भोपाल में पहली बार हार्ट के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इसे मुंबई भेजा गया। बतातें चलें कि इससे अपने जीवनकाल में कोरान्ने ने दस से अधिक लोगों की जिन्दगी बचाई थी।

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बतातें चलें कि शशांक बीकॉम ऑनर्स में लास्ट ईयर का स्टूडेंट था। पिता राजेश एसबीआई में ब्रांच मैनेजर हैं। शशांक अपने पिता की तरह बैंक अफसर बनना चाहता था। आखिरी पेपर देने जा रहा था तभी हादसा हो गया। शशांक के पिता और मां ने मिल कर बेटे का ऑर्गन डोनेशन का डिसीजन लिया।

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