भारत की राजनीति में आया उबाल
नई दिल्ली। पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी होते ही राजनीतिक हलके में भूचाल आ गया है। इस वीडियो के सार्वजनिक होते ही एक ओर जहां राष्ट्रवादियों का हौसला अफजाई हुआ है। वहीं, राष्ट्रविरोधी तत्वो ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिएं हैं।
स्मरण रहें कि उड़ी हमले के बाद सितंबर 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था। इस सर्जिकल स्ट्राइक में उड़ाए गए आतंकी कैम्प का वीडियो सरकार ने जारी कर दिया है। इसमें पाक अधिकृत आतंकियों के बंकर्स और पाक सेना के ठिकानों को उड़ाते हुए दिखाया गया है। ऑपरेशन पर निगरानी रखने के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले कैमरे की थर्मल इमेजिंग से लिया गया यह वीडियो जारी होते ही भारत के आम लोगो में खुशी की लहर दौर पड़ी है।
उड़ी के शहीद हुए जवानो का लिया गया था बदला
गौरतलब है जम्मू कश्मीर के उड़ी में सैन्य छावनी पर पाकिस्तानी आतंकी हमले में शहीद हुए 18 जवानों के बाद भारतीय सेना ने 28 और 29 सितंबर की दरम्यानी रात को सर्जिकल स्ट्राइक की थी। तत्कालीन सेना के डॉयरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने इस बात की घोषणा की थी कि 29 सितंबर 2016 को की गई सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान की तरफ भारी नुकसान हुआ है।
इन हथियारो का सेना ने किया था इस्तेमाल
सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक करने की प्लानिंग 24 सितंबर से शुरू कर दी गई थी। नाइट विज़न डिवाइस के साथ विशेष दस्ताबल, टेवोर 21, एके-47 असॉल्ट रायफल्स, रॉकेट ग्रेनेड्स, शॉल्डर फायर्ड मिसाइल्स और अन्य विस्फोटकों को सेना के जवानो ने पैदल ही चल कर नियंत्रण रेखा के पार कराया था। हर टीम में 30 जवान थे और उनका अपना विशेष लक्ष्य तय किया गया था।
ऐसे हुआ था ऑपरेशन
29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पीओके में तीन किलोमीटर भीतर जाकर इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान की जमीन पर आतंकी कैंपों पर हमला किया था। दुश्मन के रडारों की पकड़ से दूर आसमान में तैयार 30 जाबांज भारतीय कमांडो की थी। कलाश्निकोव, टेवर्स, रॉकेट प्रोपेल्ड गन्स, हथियारों से लैस 35,000 फीट की ऊंचाई से तेजी से नीचे उतरते हुए सब कुछ इतने पिन ड्रॉप साइलेंस के साथ हुआ कि जमीन पर किसी को हल्की सी भी भनक नहीं लगे। ठीक उसी वक्त जमीन पर भारतीय सेना के बहादुर स्पेशल फोर्सेज के 7 दस्ते एलओसी के पार पाकिस्तानी बैरीकेड्स से रेंग-रेंग कर आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य पर पहुंच रहे थे। इस ऑपरेशन में कुल 150 जवान शामिल हुए थे।
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